लफ्ज वही है, 
माइने बदल गए है;
किरदार वही है, 
अफ़साने बदल गये है, 
उलझी जिंदगी को
सुलझाते सुलझाते;
 जिन्दगी जीने के
बहाने बदल गये है।।।।।

SachinBulkar

लफ्ज वही है, माइने बदल गए है; किरदार वही है, अफ़साने बदल गये है, उलझी जिंदगी को सुलझाते सुलझाते; जिन्दगी जीने के बहाने बदल गये है।।।।।


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